देहरादून। जैसे ही जहां भी मौका मिले उत्तराखण्ड का आडू खाओ और अपनी इम्युनिटी बढ़ाओ। क्योंकि आड़ू में विटामिन सी भरपूर मात्रा में पाया जाता है। जो एंटी-ऑक्सीडेंट की तरह काम करता है। इसलिए इस फल का स्वाद का स्वाद लो और अपनी इम्युनिटी बढ़ाओ। आड़ू पसंदीदा फल है, क्योंकि इस खट्टे-मीठे और रसीले फल में हजारो गुण भरे पड़े हैं। यह शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर उसे मजबूत करता है। फाइबर अधिक होने के कारण पाचन सिस्टम को भी दुरुस्त रखता है। इसका नियमित सेवन वजन को भी कंट्रोल करता है। इस फल का इतिहास खासा रोचक है और कई देशों में इस फल को लेकर अलग-अलग तरह की किंवदंतियां भी रही हैं। हजारों वर्षों से आड़ू पृथ्वी पर मौजूद है और यह फल कई सभ्यताओं का गवाह भी रहा है। पुराने समय के चीन के लोग अपने घरों से बुरी आत्माओं को दूर रखने के लिए आड़ू के पेड़ की लकड़ी को धनुष बाण आदि बनाकर घरों के दरवाजे पर लटकाते थे और दीर्घायु, धन, सम्मान व खुशी का प्रतीक माना जाता था। पश्चिम में जब आड़ू पहुंचा तो वहां के निवासी इसे फारसी सेब कहते थे, क्योंकि फारसी सौदागर इसे वहां लेकर गए थे। भारत में आड़ू की पैदावार जमकर होती है और पहाड़ी प्रदेशों में यह खूब उगता है। इस फल को चाहने वाले इसके खट्टे-मीठे और रसभरे स्वाद के दीवाने होते हैं। आयुर्वेदाचार्यो के अनुसार आड़ू का फल डायबिटीज और पाइल्स के इलाज में मदद करता है। आड़ू का पका हुआ फल स्वाद में मधुर और स्वभाव में गुरू होता है। यह रुचिकर धातुवर्धक और शीघ्र पचने वाला है। ग्रीष्म ऋतु के मध्य उत्तराखंड की पर्वतीय वादियों में पर्वतीय प्रमुख फल काफल, पुलम, आड़ू, हस्यालू और खुमानी आदि का आनंद लिया जा सकता है। गर्मियों में यह फल प्रमुख रूप से वृक्षों में सरोबार हो जाते हैं।
पहाड़ के फल औषधीय गुणों से भरपूर माने जाते हैं। उत्तराखंड में इस समय पहाड़ी फलों का मौसम है। मौसम की मार के बावजूद पहाड़ी फल आड़ू, खुमानी और पुलम की देश की कई बड़ी मंडियों से खूब डिमांड आ रही है। नैनीताल जिले के रामगढ़, धारी, भीमताल व ओखलकांडा ब्लॉक में आडू, खुमानी, पुलम आदि का बहुतायत से उत्पादन होता है। प्रदेश में उत्पादित होने वाले आडू में 70 प्रतिशत हिस्सेदारी केवल नैनीताल जिले की है। जहां करीब आठ हजार काश्तकार फलों के उत्पादन से जुड़े हुए हैं। जानकारों की मानें तो पहाड़ के फल स्वाद के साथ-साथ कई औषधीय गुणों से भरपूर हैं जिससे लोग इन्हें बड़े चाव से खाते हैं। इन फलों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ-साथ एंटी ऑक्सीडेंट गुण भरपूर होते हैं।