उत्तराखंड

चारधाम यात्रा पूरी तरह चढी सरकारी अव्यवस्थाओं की भेंट

देहरादून 16 मई। उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री करन माहरा ने प्रदेश में चल रही चारधाम यात्रा की अव्यवस्थाओं पर राज्य की पुष्कर सिंह धामी सरकार को आढे हाथों लेते हुए कहा कि राज्य में चल रही चारधाम यात्रा पूरी तरह से अव्यवस्थाओं की भेंट चढती नजर आ रही है। उन्होंने कहा कि तीर्थ यात्रा में जिस प्रकार की अव्यवस्वस्थायें देखने में आ रही है उससे ऐसा प्रतीत होता है कि राज्य सरकार करोड़ों रूपये का बजट खर्च कर सुगम चारधाम यात्रा के प्रति कतई गम्भीर नहीं है। करन माहरा ने कहा कि गंगोत्री धाम के कपाट खुलने के उपरान्त गंगा सप्तमी पर्व पर सरकारी अव्यवस्था तथा स्थानीय प्रशासन की लापरवाही के कारण जाम की स्थिति का सामना करना पड़ा तथा तीर्थ यात्री धाम में नहीं पहुंच पाये जिसका अच्छा संदेश नहीं गया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि जहां एक ओर श्री केदारनाथ एवं श्री बद्रीनाथ धामों के तीर्थ यात्रियों को जाम की स्थिति से दो चार होना पड रहा है वहीं सरकार की ओर से न तो पेयजल की सुचारू व्यवस्था है और न ही मेडिकल सुविधा दी जा रही है इसके चलते एक सप्ताह के अन्दर ही 12 तीर्थ यात्री असमय काल कल्वित हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि यह पहली बार नहीं है पिछले वर्ष भी तीर्थ यात्रा पर आये सैकडों यात्रियों को सरकार की लापरवाही के चलते समय पर मेडिकल सुविधा न मिलने के कारण अपनी जांन गंवानी पडी थी परन्तु राज्य की भाजपा सरकार ने इससे कोई सबक नहीं लिया। उन्होंने कहा कि यात्रा मार्गों पर खाद्य सामग्री के सैम्पल फेल होने की खबरों से तीर्थ यात्रियों में दहशत है। करन माहरा ने भाजपा सरकार पर मनमानी का आरोप लगाते हुए यह भी सवाल उठाया कि उत्तराखण्ड शासन के मुख्य सचिव के आदेश के बावजूद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, महामहिम राज्यपाल ने इस आदेश को ठेंगा दिखाया। यहां तक कि प्रदेश के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज अपनी पत्नी पूर्व मंत्री अमृता रावत सहित श्री बद्रीनाथ धाम पहुंचे। उन्होंने कहा कि धामी सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि क्या सरकार में बैठे लोग नियमों से परे हैं? प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने चारधाम यात्रा को सुगम बनाये जाने हेतु व्यवस्थायें चाक-चौबंद करने की सरकार से मांग करते हुए कहा कि चार धाम तीर्थ यात्रा मार्गों पर यात्रियों के लिए बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था तत्काल सुनिश्चित की जाय।

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