भारतीय जनता पार्टी प्रत्याशी के तौर पर आशा नौटियाल ने किया नामांकन
देहरादून, 28 अक्टूबर। आज भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेत्री श्रीमती आशा नौटियाल ने नामांकन रैली निकालकर अपना नामांकन पत्र जमा करा दिया हैं. इस अवसर पर उत्तराखंड राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमेश पोखरियाल “निशंक”, पौड़ी गढ़वाल लोकसभा से सांसद अनिल बलूनी, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती अमरदेई शाह, जिला पंचायत उपाध्यक्ष सुमन्त तिवारी, कुलदीप रावत, वरिष्ठ तीर्थपुरोहित श्रीनिवास पोस्ती उपस्थित थे। ऊखीमठ रूद्रप्रयाग में केदारनाथ विधान सभा उप चुनाव में भाजपा प्रत्याशी श्रीमती आशा नौटियाल के पक्ष में जनसभा भी आयोजित की गई। नामांकन के दौरान श्रीमती आशा नौटियाल ने कहा की उन्होंने केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी प्रत्याशी के तौर पर केदारनाथ विधानसभा की जनता के आशीर्वाद से नामांकन किया हैं। केदारनाथ विधानसभा की जनता के अभूतपूर्व समर्थन से केदारनाथ विधानसभा की प्रगति और विकास को नई दिशा देने के लिए दृढ़ संकल्पित हूँ। आज भारतीय जनता पार्टी केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी श्रीमती आशा नौटियाल के नामांकन के लिये मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उखीमठ पहुँचे जहां भाजपा कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया। इस अवसर पर उनके साथ पौड़ी गढ़वाल लोकसभा से सांसद अनिल बलूनी उपस्थित थे। वहीं दून यूनिवर्सिटी हेलीपैड में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने उनका स्वागत किया। इस अवसर पर भाजपा नेताओं ने कहा की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में केदारनाथ क्षेत्र ने पिछले दशक में ऐतिहासिक प्रगति का अनुभव किया है। केदारनाथ की देवतुल्य जनता से आग्रह हैं कि इस उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी को अपना अमूल्य समर्थन दें, जिससे क्षेत्र के सर्वांगीण विकास की दिशा में और अधिक मजबूती से कदम बढ़ाए जा सकें। एकजुट होकर केदारनाथ की प्रगति और समृद्धि के लिए अपना योगदान दें, और भविष्य के लिए एक उज्ज्वल रास्ता तैयार करें।
वहीं आज केदारनाथ विधानसभा के उपचुनाव के लिए कांग्रेस प्रत्याशी पूर्व विधायक मनोज रावत ने अपना नामांकन दाखिल कर लिया है। पार्टीजनों ने प्रत्याशी को भारी बहुमत से विजय बनाने का संकल्प लिया। सोमवार को कांग्रेस के दिग्गज नेताओं की मौजूदगी में उन्होंने अपना नामांकन दाखिल किया। देहरादून से यहां पहुंचे कांग्रेस प्रत्याशी मनोज रावत का पार्टीजनों ने फूल-मालाओं से स्वागत किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि यह कार्यकर्ताओं की मेहनत का फल है। पार्टी हाईकमान ने उन पर जो विश्वास जताया है, उस पर खरा उतरने के लिए वह हरसंभव प्रयास करेंगे। उन्होंने पार्टी हाईकमान व कार्यकर्ताओं का आभार जताया।
कांग्रेस प्रत्याशी पूर्व विधायक मनोज रावत ने अपना नामांकन दाखिल करने के उपरांत कहा की उन्होंने केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव हेतु कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में समस्त देवतुल्य जनता के आशीर्वाद से अपना नामांकन दाखिल करा है। टिकट घोषणा से अब तक लगातार मिल रहे जनता के समर्थन से तय है कि केदारनाथ की जनता काँग्रेस को भारी मतों से विजयी बनाने जा रही है। कांग्रेस पार्टी आगामी उपचुनाव मजबूती से लड़ेगी और भारी मतों से जनता का आशीर्वाद प्राप्त करेगी। नामांकन के दौरान उनके साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा, पूर्व अध्यक्ष गणेश गोदियाल, जिलाध्यक्ष कुंवर सजवाण समेत अन्य साथी मौजूद रहे। इस दौरान उनके साथ रुद्रप्रयाग जिलाध्यक्ष कुंवर सजवाण, चमोली जिलाध्यक्ष मुकेश नेगी, ब्लॉक प्रमुख जखोली प्रदीप थपलियाल, जिला पंचायत सदस्य नरेंद्र बिष्ट, जिला पंचायत सदस्य कुलदीप कंडारी, पूर्व जिला पंचायत सदस्य देवेश्वरी देवी, पूर्व जिलाध्यक्ष ईश्वर बिष्ट, युवा कांग्रेस प्रदेश सचिव संतोष रावत, वरिष्ठ कांग्रेसी भगवती गैरोला, नरेंद्र रावत, समेत अन्य कार्यकर्ता साथी मौजूद रहे।
केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस ने पूर्व विधायक मनोज रावत पर विश्वास जताया है। पूर्व विधायक लगातार तीसरी बार अपने हाईकमान का विश्वास हासिल करने में सफल हुए हैं, जो मनोवैज्ञानिक तौर पर उनकी बड़ी जीत है। अब, धरातल पर जनता के बीच कैसे अपना पक्ष रखते है, यह खास होगा। राज्य बनने के बाद 2002 व 2007 के विस चुनाव को छोड़कर बाद के चुनावों में कांग्रेस पृष्ठभूमि का ही दबदबा रहा है। केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र में भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर होती रही है। वर्ष 2002 व 2007 में हुए विधानसभा चुनाव में यहां भाजपा को जीत मिली थी। लेकिन 2012 से यहां कांग्रेस ने अपने को स्थापित करने के साथ ही वोट बैंक को बढ़ाने में सफलता पाई। वर्ष 2012 में स्व. शैलारानी रावत कांग्रेस के टिकट से पहली बार विधानसभा पहुंची। सितंबर 2012 में ऊखीमठ और जून 2013 में केदारनाथ आपदा के बाद क्षेत्र में जनजीवन को पटरी पर लाने व मूलभूत सुविधाओं को जुटाने में समय बीतने पर अक्तूबर 2016 में वह पार्टी से विद्रोह कर भाजपा में शामिल हो गईं। इसके बाद वर्ष 2017 के विस चुनाव में कांग्रेस ने मनोज रावत को अपना प्रत्याशी बनाया।