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भारी बारिश से 77 सड़कें ठप, आज के लिए ऑरेंज अलर्ट, छह जिलों में बाढ़ का खतरा

शिमला।हिमाचल प्रदेश के कई भागों में बीती रात बादल झमाझम बरसे। भारी बारिश के चलते जगह-जगह भूस्खलन से शुक्रवार सुबह 10:00 बजे तक राज्य में 77 सड़कों पर आवाजाही ठप रही। सबसे अधिक सड़कें मंडी जिले में बंद हैं। वहीं राज्य में 236 बिजली ट्रांसफार्मर भी प्रभावित हैं.इसके अतिरिक्त 19 जल आपूर्ति योजनाएं भी ठप चल रही हैं। उधर, मनाली-लेह। सड़क पर जिंगजिंग बार से तकरीबन 7 किमी आगे गुरुवार देर रात करीब 12:00 बजे पहाड़ी से ग्लेशियर के लगातार पिघलने से सड़क अचानक बाढ़ से बंद हो गई।इसमें लेह से मनाली की तरफ आ रहे दो ट्रक और एक बाइक मलबे में फंस गए। सीमा सड़क संगठन के जवानों ने बाइकर को कड़ी मशक्कत के बाद निकाला। वहीं सीमा सड़क संगठन की मशीन रात में भी काम में जुटी रही। सीमा सड़क संगठन ( 70) के ओसी मेजर रवि शंकर ने बताया कि सुबह 10:00 बजे सड़क को यातायात के लिए बहाल कर दिया है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार दौरान मानसून की गतिविधि की तीव्रता और वितरण में वृद्धि होने की संभावना है। इस दौरान ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, चंबा, मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर जिलों में एक या दो स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है। 8 जुलाई से वर्षा की गतिविधि में कमी आने की संभावना है।
इस अवधि के दौरान औसत न्यूनतम व अधिकतम तापमान सामान्य से नीचे रहने की संभावना है। आज भी प्रदेश के कई भागों में बहुत भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। शिमला में भी मौसम खराब बना हुआ है। राज्य में 11 जुलाई तक मौसम खराब रहने के आसार हैं। गुरुवार रात को पालमपुर में 128.0, कटौला 110.2, बैजनाथ 95.0, जोगिंद्रनगर 64.0, मंडी 40.4, कोठी 36.0, कुफरी 33.2, शिलारू 32.5, कोटखाई 32.3, धर्मशाला 26.2, मनाली 22.0 व खदराला में 21.6 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। वहीं बारिश का पानी लोगों के घरों में घुसने के कारण कांगड़ा जिले के नगरी चाचियां में लोगों ने सड़क पर पेड़ रखकर रास्ता बंद किया।कुल्लू व लाहौल में शुक्रवार सुबह से झमाझम बारिश हुई। करीब पांच घंटे की बारिश से किसान-बागवानों के चेहरे खिल गए हैं। वहीं बारिश से नदी-नालों का जलस्तर बढ़ गया। जिला प्रशासन ने स्थानीय लोगों व सैलानियों को नदी-नालों के किनारे नहीं जाने की सलाह दी है। बारिश से सेब, नाशपाती, प्लम व जापानी फल साहित अन्य फलों को संजीवनी मिलेगी। आकार के साथ फलों में रसीलापन भी आएगा।शिमला 17.4, सुंदरनगर 22.6, भुंतर 21.9, कल्पा 15.4, धर्मशाला 20.0, ऊना 25.4, नाहन 22.1, पालमपुर 19.0, सोलन 20.8, मनाली 18.9, कांगड़ा 22.2, मंडी 23.1, बिलासपुर 25.4, हमीरपुर 25.8, चंबा 24.3, जुब्बड़हट्टी 21.3, कुफरी 16.2, कुकुमसेरी 11.6, नारकंडा 14.3, रिकांगपिओ 19.0, धौलाकुआं 27.1, बरठीं 25.5, समदो 18.4, पांवटा साहिब 27.0, सराहन 19.0, देहरा गोपीपुर 24.0, ताबो 14.9, नेरी 25.3, सैंज 21.3 और बजौरा में 23.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। कांगड़ा जिले के गगल में ईच्छी क्षेत्र में शुक्रवार सुबह से ही झमाझम बारिश के चलते कई गली-मोहल्लों व सड़कों पर जलभराव हो गया है। सड़कें तालाब बन गई हैं। छोटे नाले उफान पर आ गए। गांव जाने वाले रास्ते भी पानी से भर गए हैं। वहीं मुलथान तहसील के सभी गांवों में रात से लगातार भारी बारिश हो रही है। बरोट-मुलथान-लोहारड़ी मुख्य सड़क जगह-जगह भूस्खलन से बंद हो गई।आईएमडी हाइड्रोमेट डिवीजन नई दिल्ली की ओर से हिमाचल प्रदेश के लिए राष्ट्रीय आकस्मिक बाढ़ मार्गदर्शन बुलेटिन जारी किया गया है। अगले 24 घंटों के दौरान प्रदेश के मंडी, सिरमौर, कांगड़ा, कुल्लू, किन्नौर और शिमला जिलों के कुछ जलग्रहण क्षेत्रों और आसपास के क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा होने की संभावना है।

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