उत्तराखंड

6 दिसंबर को मनाई जाएगी विवाह पंचमी

देहरादून। मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन मनाया जाता है। सनातन धर्म में विवाह पंचमी को बेहद खास और पवित्र मानी जाती है। इस दिन माता सीता और प्रभु श्री राम का विवाह हुआ था। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन जो व्यक्ति भगवान श्रीराम और माता सीता की पूजा विधिवत रुप से करते हैं, उसे वैवाहिक जीवन में आ रही सभी समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है और मनचाह वर का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। आइए आपको बताते हैं इस साल विवाह पंचमी कब है।
विवाह पंचमी कब है
हिंदू पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि यानी के 6 दिसंबर को विवाह पंचमी मनाई जाएगी। इस दिन मनचाहा वर पाने के लिए, आप विशेष रुप से माता सीता और प्रभु श्रीराम की विधिवत पूजा जरुर करें। इससे आपकी सभी मनोकामना पूर्ण होगी।
विवाह पंचमी का शुभ मुहूर्त
उदया तिथि के अनुसार, विवाह पंचमी का त्योहार 6 दिसंबर 2024 को है।
-ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 05 बजकर 12 मिनट से 06 बजकर 06 मिनट तक
-विजय मुहूर्त – दोपहर 01 बजकर 56 मिनट से 02 बजकर 38 मिनट तक
-गोधूलि मुहूर्त – शाम 05 बजकर 21 मिनट से 05 बजकर 49 मिनट तक
-अमृत काल- सुबह 06 बजकर 38 मिनट से 08 बजकर 12 मिनट तक
विवाह पंचमी के दिन क्या करें?
– विवाह पंचमी के दिन भगवान श्री राम और माता सीता की पूजा-अर्चना करने विशेष महत्व होता है।
– इस दिन भगवान श्री राम के रक्षा स्तोत्र का जाप अवश्य करें।
– इस दिन दपत्ति को प्रभु श्री राम और माता सीता की पूजा साथ में करनी चाहिए। पूजा समाप्ति के बाद परिक्रमा जरुर लगानी चाहिए।
– अगर आप भगवान श्रीराम और माता सीता की पूजा करने के दौरान मंत्रों का जाप करें। ऐसा करने से सौभाग्य में वृद्धि होगी।
– यदि किसी जातक के विवाह में कोई परेशानी आ रही है, तो इस दिन श्राद्धा से भगवान श्रीराम और माता सीता का विवाह जरुर करें।
– इस दिन पीले वस्त्र का दान जरुर करें।
– विवाह पंचमी के दिन माता सीता और भगवान श्री राम के लिए प्रिय फलों का भोग जरुर लगाएं।
– इस दिन अविवाहित कन्याएं 108 बार जानकी मंत्र का जाप करें।
– इस व्रत भी रख सकते है।
विवाह पंचमी के दिन क्या न करें
– विवाह पंचमी के दिन भूलकर तामसिक भोजन करने से बचें।
– विवाह पंचमी के दिन मांगलिक कार्यों को करने से बचना चाहिए।
– इस दिन किसी भी व्यक्ति को अपशब्द बोलने से बचना चाहिए।
– इस दिन क्सी भी व्यक्ति से वाद-विवाद करने से बचें।
– भूलकर भी इस दिन व्यक्ति को श्रीराम और माता की प्रतिमा नहीं देना चाहिए। इससे वैवाहिक जीवन में कलह-क्लेश की स्थिति बन सकती है।

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