उत्तराखंड

उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी मंच का दून मे धरना

देहरादून 9 अगस्त। आज क्रांति दिवस के साथ ही गैरसैण के लियॆ बलिदान देने वाले बाबा उत्तराखण्डी के बलिदान दिवस पर उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी मंच द्वारा सशक्त भू कानून, मूल निवास एवं लोकायुक्त लागू कराने की मांग को लेकर गाँधी रोड़ स्थित दीनदयाल पार्क में धरना दिया। धरना स्थल पर आयोजित सभा को सम्बोधित करते हुये उत्तराँचल बैंक कर्मचारी एसोशियन के अध्यक्ष जगमोहन मेहन्दीरत्ता ने कहा कि जिन उद्देश्यों को लेकर हमने राज्य गठन की लड़ाई लड़ी वह आज की वर्तमान परिस्थियों को देखकर दुख होता हैं, ना हमारा सशक्त भू-कानून, मूल निवास ना हमारी स्थाई राजधानी, ना हमारा लोकायुक्त, ना रोजगार नीति ऐसे कई कमियां मौजूद हैं। देवभूमि युवा संगठन के अध्यक्ष आशीष नौटियाल ने सरकार से पुनः अपील की हैं कि वह शीघ्र प्रदेश व राष्ट्र हित में सशक्त भू-कानून, मूल निवास व लोकायुक्त को लागू करें अन्यथा बड़ा आन्दोलन खड़ा होगा। मसूरी के आंदोलनकारी मंच के अध्यक्ष देवी गोदियाल ने कहा कि जब सरकार ने भू कानून को लागू कराने हेतु कमेटी बना दी गईं तों वह आज तक लागू क्यों नहीं हुआ, लगातार जिस प्रकार प्रदेश में नित नये नये भूमि घोटाले व कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहें औऱ हमारे हकूको पर डाका डाला जा रहा हैं। प्रदेश अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी व प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप कुकरेती ने इस धरने के माध्यम से सरकार से पुरजोर मांग करते हुये कहा यदि राज्य स्थापना दिवस तक सशक्त भू-कानून , मूल निवास एवं लोकायुक्त कानून लागू नहीं हुआ तों पूरे प्रदेश में जनजागरण के साथ बड़ा आन्दोलन खड़ा किया जायेगा औऱ मजबूती से इस व्यवस्था को लागू कराया जायेगा। राज्य आंदोलनकारी सांस्कृतिक प्रकोष्ठ की अध्यक्ष सुलोचना भट्ट ने जोर देकर कहा कि अब राज्य बनने के 24 वर्ष बाद भी हमें सशक्त भू कानून, स्थाई राजधानी व लोकायुक्त तक नहीं बना पाये। सरकार सभी नेताओं की संपत्तियों का ब्यौरा लेखा जोखा सबके सामने रखें ताकि प्रदेश वासियों को पता चलें। महिलाओं ने सभी प्रदेश वासियों से भविष्य में प्रदेश हित में सड़कों पर आने को तैयार रहें। गत वर्ष क्रांति दिवस पर उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी मंच द्वारा इसी मांग को लेकर भारी जनसमूह के साथ मुख्यमन्त्री आवास कूच किया था। लेकिन मुख्यमन्त्री ने कमेटी गठित होने की बात कह कर जल्द लागू कराने की घोषणा की थी, लेकिन वह आज भी लागू नहीं हुआ। धरने पर बैठने वालों मे केशव उनियाल, जगमोहन मेहन्दीरत्ता, जगमोहन सिंह नेगी, युद्धवीर सिंह चौहान, देवी गोदियाल, प्रदीप कुकरेती, पूरण सिंह लिंगवाल, अभिनव थापर, प्रांजल नोडीयाल, हरीश पन्त, महेन्द्र रावत (बब्बी), लुशुन टोडरिया, संजय बलूनी, पूरण जुयाल, आशीष नौटियाल, पुष्कर बहुगुणा, विजय बलूनी, सुमन बडोनी, धर्मपाल सिंह रावत, गौरव खंडूड़ी, आशीष बिष्ट, विनोद असवाल, सुरेश नेगी, बीर सिंह रावत, आमोद पैन्युली, बलबीर सिंह नेगी, सुशील चमोली, जयदीप सकलानी, सुशील चमोली, परमानंद बालोदी, युगपाल सिंह असवाल, प्रमोद काला, चंद्रमोहन सिंह नेगी, नवीन राणा, पकंज उनियाल, सुशील विरमानी, प्रभात डाण्डरियाल, मोहन सिंह रावत, श्रीपति भण्डारी, हरजिंदर सिंह, ललित श्रीवास्तव, ब्रजेश चन्द्र, सुलोचना भट्ट, द्वारिका बिष्ट, राधा तिवारी , गीता नेगी , देवेश्वरी गुसांई, पुष्पा रावत, रामेश्वरी नेगी, तारा पाण्डे , लक्ष्मी बिष्ट, उषा कोठारी, रामेश्वरी रावत, सरिता जुयाल, मधु थपलियाल, यशोदा रावत, रेवती बिष्ट, सावित्री बड़थ्वाल, दर्शनी खत्री, कुसुम घिल्डियाल, गुड्डी देवी, कुसुम पटवाल, कुन्ती देवी, गुड्डी नेगी, शान्ति कैन्तुरा, पार्वती रावत, सुलोचना मेंगवाल, उषा कोठरी, निधि भट्ट, संगीता सेमवाल, सुबोधिनि भट्ट आदि प्रमुख रहें।

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