त्याग और दान में महान् अन्तर : आचार्य श्री

देहरादून, 04 सितंबर। अतीत की स्मृति वर्तमान का उत्सव कार्यक्रम के अंतर्गत आज
परम पूज्य संस्कार प्रणेता उत्तराखंड के राजकीय अतिथि आचार्य श्री 108 सौरभ सागर महामुनिराज के मंगल सानिध्य में श्री स्वयंभू चौबीसी महामंडल विधान विधानाचार्य संदीप जैन सजल हस्तिनापुर वाले इंदौर संगीतकार केशव और पार्टी भोपाल द्वारा संगीतमय विधान चल रहा है। उसके साथ-साथ आज दसलक्षण पर्व का उत्तम त्याग धर्म पर भगवान की पूजा अर्चना की गयी। पूज्य आचार्य सौरभ सागर ने प्रवचन करते हुए कहा कि आमतौर पर दान करने को ही त्याग कहा व समझा जाता है। लेकिन त्याग और दान में महान् अन्तर है, दान किया जाता है किसी उद्देश्य के लिए, परोपकार के लिए जबकि त्याग किया जाता है संयम के लिए। दान करने से पुण्य बन्ध होता है, त्याग करना धर्म है। धन का लोभ नहीं छूटता वह एक लाख दान में देता है तो दो लाख कमाने को आतुर रहता है, लेकिन त्यागी जो त्याग देता है फिर उसके चक्कर में नहीं रहता। त्याग होता है कषायों का, मोह, राग, द्वेष का, अहंकार का। त्याग करने से आत्मा को बल मिलता है। मोक्ष मार्ग की वृद्धि होती है। ‘त्याग’ शब्द से ही पता लग जाता है कि इसका मतलब छोडना है और जीवन को संतुष्ट बना कर अपनी इच्छाओं को वश में करना है। यह न सिर्फ अच्छे गुणवान कर्मों में वृद्धि करता है, बल्कि बूरे कर्मों का नाश भी करता है। छोडने की भावना जैन धर्म में सबसे अधिक है, क्योंकी, जैन संत सिर्फ घरबार नहीं यहां तक की अपने कपडे भी त्याग देता है और पूरा जीवन दिगंबर मुद्रा धारण करके व्यतित करता है। इन्सान की शक्ति इससे नहीं परखी जाती की उसके पास कितना धन-दौलत है, बल्कि इससे परखी जाती है कि असने कितना छोडा, कितना त्याग किया है। श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर जी में दोपहर 3.00 बजे महिला जैन मिलन द्वारा भजन कीर्तन किया गया। कीर्तन का संचालन महिला जैन मिलन की अध्यक्ष वीरांगना संगीता जैन तथा मंत्री वीरांगना पायल जैन ने किया। कीर्तन का प्रारंभ णमोकार मंत्र के पाठ से शुरू किया गया। जिसमें संस्था की सभी वीरांगनाएं और अन्य सदस्य सम्मिलित हुए। सभी ने बड़े भक्ति भाव से भादो की रिमझिम रिमझिम आया पर्व पर्युषण महान जैसे भजनों पर झूम-झूम कर भक्ति की और अंत में पर्युषण महापर्व पर प्रश्नोत्तरी की गई। तत्पश्चात विजय वीरांगनाओं को पुष्प वर्षा योग समिति द्वारा पुरस्कृत किया गया। संध्याकालीन बेला में जैन वीरांगना मंच के द्वारा धार्मिक तम्बोला का आयोजन किया गया। संध्याकालीन कार्यक्रम की बेला में जैन वीरांगना मंच की ओर से संगीत मय धार्मिक तंबोला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ जैन वीरांगना मंच की कार्यक्रम संयोजक बबिता जैन, सह संयोजक रश्मि जैन के नेतृत्व में पंच परमेष्ठी वंदना के साथ किया गया। तत्पश्चात धार्मिक भजनों पर झूम-झूम कर सभी ने धार्मिक तंबोला का आनंद उठाया। जिसमें 10 धर्म और 12 भावनाओं का समावेश करके सभी को पुरस्कृत किया गया। सुनीता जैन, अलका जैन, सुनीता जैन, विषद संगीता जैन, सुधा जैन, शशि जैन, रश्मि जैन, मुकेश जैन, उमा जैन, प्रीति जैन, रजनी जैन, सरोज जैन, आंचल जैन आदि जैन वीरांगना परिवार ने कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना भरपूर सहयोग दिया। आगामी कार्यक्रम की जानकारी देते हुए मीडिया कोऑर्डिनेटर मधु जैन ने बताया कि दिनांक 5 सितंबर को श्री आदिनाथ जैन पंचायती मंदिर माजरा के तत्वाधान में गांधी रोड जैन भवन में 7:30 शाम को भव्य नाटिका प्रस्तुत की जाएगी।