उत्तराखंड

विश्व पर्यावरण दिवस पर स्वयं संस्था ने आयोजित की संगोष्ठी

देहरादून। विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून 2024 के अवसर पर स्वयं संस्था ने ग्रीन व्यू सोसायटी देहरादून में एक संगोष्ठी का आयोजन किया । इस अवसर पर कार्यक्रम की संयोजिका श्रीमती सोनाली चौधरी ने जानकारी दी कि हर साल पांच जून को दुनिया में पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाने और प्रकृति के महत्व का वर्णन करने के लिए यह दिवस मनाया जाता है।हम सभी के जीवन में पर्यावरण का खास महत्व है, बिना इसके स्वस्थ रहने की कल्पना करना मुश्किल है। धार्मिक दृष्टि के भी पर्यावरण का विशेष महत्व है।
विश्व पर्यावरण दिवस पहली बार 05 जून सन् 1974 को मनाया गया था। हम सब जानते हैं कि प्रदूषण, प्लास्टिक प्रदूषण, ग्लोबल वार्मिंग, मरुस्थलीकरण और समुद्र का स्तर दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। इसके प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए इस दिन की शुरुआत की गई।
विश्व पर्यावरण दिवस 2024 भूमि बहाली, मरुस्थलीकरण को रोकने और सूखे के लचीलेपन के निर्माण पर केंद्रित है। सऊदी अरब साम्राज्य इस वर्ष के संस्करण का वैश्विक मेजबान है। एशिया और प्रशांत क्षेत्र जैव विविधता में असाधारण रूप से समृद्ध हैं।
इस साल विश्व पर्यावरण दिवस की थीम ‘हमारी भूमि’ नारे के तहत भूमि बहाली, मरुस्थलीकरण और सूखे पर केंद्रित है।
इस मौके पर डॉ० कुसुम रानी नैथानी ने सुरक्षित एवं स्वच्छ पर्यावरण के महत्व पर प्रकाश डाला । उन्होंने बताया कि ग्लोबल वार्मिंग हम सबके लिए एक बहुत बड़ा खतरा है जो हमें एक स्वस्थ जीवन और प्रकृति की सुरक्षा को सुरक्षित करने की चुनौती दे रहा है।आज अपनी धरती को ग्लोबल वार्मिंग से बचाने के लिए, जागरूकता फैलाने और सुधारात्मक उपाय करने की आवश्यकता है। इसके संसाधनों के उपयोग की देखभाल करना हम सबकी पहली और सबसे महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। प्रदूषित वातावरण का हमारे स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव पड़ रहा है। ।इस वर्ष हमारी भूमि को सूखे एवं मरुस्थलीकरण से बचाने पर विशेष फोकस रहेगा।
भूमि क्षरण और मरुस्थलीकरण खाद्य सुरक्षा, जैव विविधता एवं जलवायु परिवर्तन को प्रभावित करने वाले प्रमुख खतरे हैं। इस मुद्दे पर ध्यान आकर्षित कर विभिन्न समुदायों के मध्य जागरूकता को बढ़ाना है।
यह थीम
उन कार्यों पर ज़ोर देता है जो ट्रिपल ग्रहीय संकट की तीव्रता के बीच महत्वपूर्ण हैं: जलवायु परिवर्तन, प्रकृति और जैव विविधता हानि, तथा प्रदूषण और अपशिष्ट।
यह थीम इस बात को रेखांकित करता है कि हमारे ग्रह के पारिस्थितिकी तंत्रों को बहाल करने के लिए सामूहिक कार्रवाई और व्यक्तिगत जिम्मेदारी की आवश्यकता है। यह सभी को समाधान में योगदान करने के लिए प्रोत्साहित करता है।
2024 के नारे का हैशटैग अधिक टिकाऊ भविष्य की ओर बदलाव का नेतृत्व करने में युवाओं की भूमिका पर जोर देता है। यह उन्हें कार्रवाई करने के लिए प्रेरित करता है।
यह विषय पारिस्थितिकी तंत्र
बहाली पर संयुक्त राष्ट्र दशक (2021-
2030) और सतत विकास लक्ष्यों के
साथ संरेखित है जो पर्यावरण संरक्षण के भूमिका पर जोर देता है। यह उन्हें कार्रवाई करने के लिए प्रेरित करता है।
विश्व पर्यावरण दिवस समान्यतः राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पर्यावरणीय चुनौतियों का समाधान करने और सतत प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए नीतिगत चर्चाओं एवं प्रतिबद्धताओं को उत्प्रेरित करता है।
यह लोगों को पर्यावरणीय संरक्षण के महत्त्व के बारे में शिक्षित करने और उन्हें उन गतिविधियों एवं पहलों में शामिल करने का अवसर प्रदान करता है जो सकारात्मक पर्यावरणीय परिणामों में योगदान करते हैं। विश्व पर्यावरण दिवस वैश्विक पर्यावरणीय मुद्दों से सामूहिक रूप से निपटने के लिए देशों को सशक्त बनाता है, जो जमीनी स्तर की कार्रवाई और भागीदारी को बढ़ावा प्रदान करते हैं।
विश्व पर्यावरण दिवस हमारे प्राकृतिक पर्यावरण के महत्त्व और उसकी रक्षा करने की तत्काल आवश्यकता का एक शक्तिशाली अनुस्मारक है। इसके द्वारा जागरूकता एवं कार्रवाई को प्रोत्साहित करके वैश्विक सहयोग को बढ़ावा दिया जा सकता है जोकि एक टिकाऊ और लचीले भविष्य को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक है।
यह दिवस हमें पर्यावरण को बेहतर बनाने के लिए प्रेरित करता है। जिसकी वजह से हम उचित कदम उठाकर पर्यावरण की रक्षा करते हैं । आम जन
की छोटी शुरुआत पर्यावरण पर बहुत बड़ा प्रभाव डाल सकती है।
हमें हर साल पेड़ लगाने चाहिए । उनका उचित संरक्षण करना चाहिए तथा प्लास्टिक का कम से कम उपयोग करना चाहिए ।
इस मौके पर एक पोस्टर प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया।कु०आरती द्वारा बनाए गए पोस्टर को सर्वश्रेष्ठ घोषित किया गया तथा उन्हें पुरस्कृत किया गया। इस अवसर पर डॉ० उमेश चन्द्र, श्री दिनेश जोशी श्रीमती इंदु, श्रीमती कौशल्या, श्री नितिन, श्रीमती स्नेह, श्रीमती शांति, श्रीमती मंजु सक्सेना,श्रीमती नेहा, स्कूली बच्चे एवं सोसायटी के गणमान्य लोग आदि उपस्थित थे।

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