उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग बुझने का नाम नहीं ले रही
नैनीताल। उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग बुझाने का नाम नहीं ले रही हैं। नैनीताल के पास बेतालघाट ब्लॉक के जोग्याड़ी गांव के जंगलों में बीते दिनों से लगी आग के आबादी क्षेत्र में आने से किसानों के खेतों में लगे फलदार पौधे जलकर झुलस गए।गरमपानी के पास बेतालघाट ब्लॉक के जोग्याड़ी गांव के जंगलों में बीते दिनों से लगी आग के आबादी क्षेत्र में आने से किसानों के खेतों में लगे फलदार पौधे जलकर झुलस गए। पेड़ों के झुलसने से किसानों को आडू, खुमानी और प्लम के उत्पादन पर असर पड़ने का अंदेशा है। रविवार को भी बेतालघाट के जंगलों में आग लगने से वन संपदा को नुकसान पहुंचा है।
जोग्याडी गांव के हरक सिंह ने बताया कि जंगलों की आग ने किसानों के बगीचों में लगे पेड़ झुलस गए, जिससे फल खराब हो गए हैं। ग्रामीण कांता सिंह, महेंद्र सिंह, हरीश गिरी, धन सिंह, खड़क सिंह और दयाल सिंह नरे सरकार से मुआवजे की मांग की है। इधर, फलयानी और जोग्याड़ी से लगे जंगलों में रविवार को आग लगने से वन संपदा को नुकसान पहुंचा हैं। वहीं धूरा के जंगल में तीन दिनों से लगी आग नहीं बुझ पाने से क्षेत्र में लोग धुंध से परेशान रहे। भीमताल में शनिवार की शाम कर्कोटक और चांफी के जंगल में लगी आग से वन संपदा जलकर नष्ट हो गई।वहीं भीमताल से लगे कुछ जगहों में हरे बांज के पेड़ों वाले क्षेत्र में अचानक आग लगने की घटनाएं चर्चाओं का विषय बनी हुई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि आग लगाने का एक कारण उन जगहों पर मकान, होटल और रिजॉर्ट बनाना है। स्थानीय लोगों ने वन विभाग से ऐसे जगहों को चिन्हित कर कार्रवाई की मांग की है।