उत्तराखंड

ऑपरेशन मुस्कान के तहत बिछड़ी बेटी के परिवार की लौटायी मुस्कान

रूद्रप्रयाग। केदारनाथ धाम यात्रा के दौरान 4 वर्षीय बेटी के बिछड़ जाने पर सकते में आये परिवार की मुस्कान रूद्रप्रयाग पुलिस द्वारा चलाये जा रहे ट्टआपरेशन मुस्कान’ के तहत लौट सकी है। पुलिस ने अथक प्रयासों के बाद बालिका को खोज निकाला और परिजनों के हवाले कर दिया। जिसके बाद परिवार के लोगों द्वारा पुलिस का आभार जता कर अपने गंतव्य को जाया गया।
10 मई 2024 को जनपद रुद्रप्रयाग में स्थित श्री केदारनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खुल गये हैं। पहले दिन रिकार्ड संख्या में श्रद्धालुओं ने बाबा के दर्शन किये। श्री केदारनाथ धाम तक पहुंचने हेतु पैदल, घोड़े—खच्चर, डण्डी—कण्डी, पिट्ठू व हैलीकॉप्टर इत्यादि संशाधनों का उपयोग होता है। केदारनाथ धाम तक पैदल पहुंच मार्ग तकरीबन 16 कि.मी. है, ऐसे में गौरीकुण्ड से श्री केदारनाथ धाम तक जाने या केदारनाथ धाम से वापस आने वाले श्रद्धालु अक्सर अपने साथियों से बिछड़ जाते हैं। श्रद्धालुओं के बिछड़ने पर होने वाली परेशानी से बचने हेतु पुलिस द्वारा ट्टऑपरेशन मुस्कान’ चलाया हुआ है और इसके लिए 5 स्थानों (केदारनाथ धाम, लिनचोली, भीमबली, गौरीकुण्ड व सोनप्रयाग) में खोया पाया केन्द्र बनाये गये हैं।
ऐसा ही एक वाकया कल केदारनाथ धाम कपाट खुलने के उपरान्त हुआ। जिसमें गुजरात से आये श्रद्धालु पंकज प्रजापति जो कि अपने परिवार के साथ दर्शन के उपरान्त केदारनाथ से नीचे गौरीकुण्ड के लिए पैदल चले, उनके सहित परिवार के सदस्यों ने पैदल चलकर व अपनी 4 साल की बिटिया को पिट्ठू वाले की सहायता से नीचे को चले। राह चलते समय वह लोग पीछे रह गये और इनकी बिटिया दृषा आनन्द को लेकर पिट्ठू वाला आगे निकल गया था। इन्होंने अपनी परेशानी जिला प्रशासन द्वारा भीमबली क्षेत्र में नियुक्त सैक्टर अधिकारी को बतायी गयी, जिनके द्वारा बिछड़ी बालिका दृषा आनन्द का विवरण व फोटो प्रशासन के व्हट्सएप ग्रुप में डाला गया व स्वयं भी चौकी प्रभारी गौरीकुण्ड से सम्पर्क स्थापित किया गया। चौकी प्रभारी गौरीकुण्ड द्वारा इस सम्बन्ध में चौकी के खोया पाया केन्द्र पर तैनात पुलिस बल को सूचित किया गया व स्वयं भी अलर्ट रहे। इस दौरान आने वाले काफी पिट्ठू वालों को रोककर तस्दीक के उपरान्त आगे जाने दिया गया। काफी इन्तजार के बाद इस बालिका को लेकर आने वाला पिट्ठू वहां पर पहुंचा जिसे खोया पाया केन्द्र पर रोके रखा गया। अपने माता—पिता को साथ न पाकर उत्तQ बालिका रो रही थी, चौकी प्रभारी गौरीकुण्ड व पुलिस कार्मिकों ने इस बालिका को ढांढस बंधाया व खाने को चाय बिस्किट दिये। इसके परिजनों के आने पर बालिका दृषा आनन्द को उनके सुपुर्द करते हुए हिदायत भी दी गयी कि आपको अपनी बालिका को ऐसे नहीं छोड़ना था व पिट्ठू वाले को अपने हिसाब से चलने के लिए कहना चाहिए था। इस पर बालिका के पिता ने स्वयं की भूल मानते हुए पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों का धन्यवाद ज्ञापित कर अपने गन्तव्य को प्रस्थान किया गया।

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