Uttarakhand: कैंसर मरीजों के लिए वरदान साबित होता श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल
श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में कैंसर सर्जरी विभाग ने पूरे किए 3 साल
देहरादून: श्री गुरु राम राय इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल एंड हेल्थ साइंसेज, श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल सोमवार को ऑन्कोलॉजी विभाग की तीसरी वर्षगांठ मनाई। कैंसर सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅ पंकज कुमार गर्ग ने कहा कि तीन वर्षों के अनुभवकाल में बहुत से कैंसर मरीजों की समस्याओं को जानने समझने का अवसर मिला। कैंसर मरीजों को उपचार देने की यह सुखद यात्रा कैंसर सर्जरी विभाग की पूरी टीम के सहयोग से यूं ही चलती रहेगी। इस अवसर पर उन्होंने श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के चेयरमैन श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज का आभार जताते हुए उन्हें पूरे विभाग की ओर से धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में कैंसर मरीजों ने अपने उपचार के अनुभव सांझा किए। उन्होंने श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल की कैंसर सेवाओं को कैंसर मरीजों के लिए जीवनदायिनी एवम् वरदान बताया।
सोमवार को श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के सभागार में निरंतर चिकित्सा शिक्षा कार्यक्रम (सीएमई) का शुभारंभ श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ यशबीर दीवान ने किया। कैंसर उपचार में प्रिसिजन मेडिसिन: टारगेट डिटेक्शन टू ट्रीटमेंट विषय पर आयोजित सीएमई कार्य्क्रम में कैंसर विशेषज्ञों ने अनुभव सांझा किए। प्रो. डाॅ आर.के वर्मा एवम् प्रो. डाॅ डिम्पल रैना की अध्यक्षता में आयोजित सीएमई में सर्जिकल और रेडियशन सर्जिकल और रेडिएशन ऑन्कोलॉजी के विशेषज्ञ डॉ. पंकज गर्ग, डॉ. अजीत तिवारी, डॉ. पल्लवी कौल और डॉ. रचित आहूजा ने संयुक्त रूप से संगठित किया। यह सत्र सभी उपस्थितजनों के लिए ज्ञान का प्रकाश स्तंभ साबित हुआ।
ऑन्कोलॉजी केयर में प्रिसिजन मेडिसिन की महत्वपूर्ण भूमिका पर केंद्रित बातचीत में, प्रोफेसर डॉ. सीमा आचार्य, पैथोलॉजी विभाग की प्रमुख, एसजीआरआईएम-एचएस, और डॉ. हिमवंत रेड्डी, मेट्रोपोलिस से, ने मूल्यवान जानकारी साझा की।
डॉ. पंकज गर्ग ने अपने संबोधन में बताया कि ऑन्कोलॉजी विभाग ने अपने स्थापना के बाद से अब तक 4,500 से अधिक कैंसर रोगियों का इलाज किया है। उन्होंने विभाग की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया कि उत्तराखंड और आसपास के राज्यों के मरीजों को विश्व स्तरीय कैंसर उपचार सुविधाएँ प्रदान की जाएँगी। सीएमई कार्यक्रम का उद्देश्य कैंसर उपचार में निरंतर सुधार और उत्कृष्टता का प्रतीक हैं। उन्होंने कहा कि श्री महंत इन्दिरेश असपताल का यह ध्येय है कि उत्तराखंड और आसपास के राज्यों के कैंसर मरीजों को उत्कृष्ट कैंसर उपचार सुगमता से उपलब्ध करवाया जा सके। इसके लिए कैंसर सर्जरी विभाग की पूरी टीम कृतसंकल्पबद्ध है।