उत्तराखंड

चुनौतियों से निबटने के लिए रोडमैप तैयार करना चाहिए : राज्यपाल

देहरादून 03 मई। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने शुक्रवार को राजभवन में उत्तराखण्ड चारधाम यात्रा की तैयारियों के संबंध में शासन के उच्चाधिकारियों के साथ बैठक की। इस बैठक में चारधाम यात्रा से जुड़े जिलों के जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, संबंधित अन्य अधिकारी भी वीडियो कांफ्रेंसिंग से मौजूद रहे। राज्यपाल ने कहा कि चारधाम यात्रा उत्तराखण्ड की सामाजिक एवं सांस्कृतिक व्यवस्था की पहचान है। यात्रा को सहज, सुगम और व्यवस्थित ढंग से संचालित करने के लिए विभागों सहित सभी हितधारकों का आपसी समन्वय जरूरी है। राज्यपाल ने कहा कि यह 09 से 05 की ड्यूटी नहीं है बल्कि इसमें प्रत्येक अधिकारी एवं कर्मचारी को पूरे समर्पण भाव से कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा में आने वाला प्रत्येक यात्री हमारा ब्रांड अम्बेसडर है, हमारा प्रयास रहे कि वह यहां से संतुष्ट होकर जाएं। राज्यपाल ने कहा कि विगत वर्षों के अनुभवों से सीख लेते हुए हमें इस वर्ष सभी चुनौतियों से निबटने के लिए रोडमैप तैयार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हर विभाग को अपने फर्स्ट रिस्पांडर यानी यात्रियों तथा आमजन के संपर्क में सबसे पहले आने वाले कार्मिकों को चिन्हित कर उन्हें प्रशिक्षित करना चाहिए। इनकी सहायता से बुजुर्गों, पशुओं और अस्वस्थ यात्रियों को सुगम अनुभव देने में सहयोग मिलेगा। उन्होंने कहा कि यात्रा मार्गों में यात्रियों की मूलभूत सुविधाओं सहित उनकी सुरक्षा का भी ध्यान रखा जाए। चारधाम यात्रा में स्थानीय लोगों की भागीदारी व उनका सहयोग अवश्य लिया जाए। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा के दौरान हमें अपनी सेवाओं में लगातार वैल्यू एडिशन करना होगा। इसके साथ-साथ नई तकनीकी जिनमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ड्रोन, मोबाइल एप आदि के माध्यम से यात्रियों को सुविधाएं दी जाएं। राज्यपाल ने निदेशक आईटीडीए को चारधाम यात्रा के सुचारू संचालन, फीडबैक एवं रिपोर्टिंग के लिए एक एकीकृत डैशबोर्ड बनाने के लिए कहा है। राज्यपाल ने कहा कि यात्रा संबंधी विभिन्न सूचनाओं को एक स्थान पर एकत्रित करने से सभी विभागों को समाधान एवं प्रबंधन करने में सहायता मिलेगी। राज्यपाल ने कहा कि यह हम सबका कर्तव्य है कि यात्रा के दौरान हम सभी यात्रियों को ऐसी सुविधा उपलब्ध कराएं जिससे दुनिया में उत्तराखण्ड के प्रति अच्छा संदेश जाए। उन्होंने कहा कि यात्रियों की सहायता के लिए आवश्यक सूचनाओं का प्रचार-प्रसार का नेटवर्क मजबूत होना चाहिए। इस दौरान राज्यपाल ने चारधाम यात्रा में विभिन्न विभागों के उच्चाधिकारियों जिनमें पर्यटन विभाग, लोक निर्माण, पुलिस, परिवहन, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, चिकित्सा, शहरी विकास, पेयजल, आपदा प्रबंधन, नागरिक उड्डयन, पशुपालन, सूचना एवं लोक संपर्क, सूचना प्रौद्योगिकी सहित अन्य विभागों की वर्तमान तक की तैयारियों के संबंध में जानकारी प्राप्त की। विभागीय अधिकारियों द्वारा अवगत कराया गया कि सभी तैयारियां यात्रा प्रारंभ होने से पूर्व सुनिश्चित कर ली जाएगी। बैठक में सचिव पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन सचिन कुर्वे ने बताया कि इस वर्ष 15 अप्रैल से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन शुरू कर दिया गया है। अब तक चारधाम यात्रा के लिए 19.10 लाख से अधिक लोगों द्वारा पंजीकरण करवाया जा चुका है। जिसमें से मई माह हेतु ही लगभग 11.06 लाख श्रद्धालु पंजीकरण करवा चुके हैं। उन्होंने बताया कि गत वर्ष धामों में दर्शन के लिए कतार प्रबंधन हेतु स्लॉट/टोकन व्यवस्था शुरू की गई थी, जिससे दर्शन के दौरान अनावश्यक भीड़ लगने से बचने में लाभ मिला था, अतः इस वर्ष भी यह व्यवस्था सुचारू रहेगी। उन्होंने बताया कि चारधाम यात्रा के लिए 9 ऑपरेटर्स की हैली सेवाएं ली जा रही हैं जिनकी दरें निश्चित कर ली गई हैं। उन्होंने बताया कि आईआरसीटी के माध्यम से भी हैली सेवाओं की ऑनलाइन बुकिंग की जा रही है। हैली बुकिंग से संबंधित शिकायत निवारण प्रक्रिया के लिए नोडल अधिकारी की तैनाती की जा रही है। सचिव परिवहन अरविन्द सिंह ह्यांकी ने बताया कि यात्रा मार्ग पर चलने वाले सभी वाहनों को फिटनेस ग्रीन कार्ड व ट्रिप कार्ड जारी किये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि यात्रा पर आये वाहनों की जांच के लिए जगह-जगह पर ऑटोमेटिक फिटनेस सिस्टम लगाए गए हैं, जिससे दुर्घटनाओं में कमी लाई जा सके। सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर.राजेश कुमार ने बताया कि यात्रा मार्गों में हेल्थ एटीएम स्थापित किये जा रहे हैं, स्थानीय स्तर पर लोगों को स्वास्थ्य मित्र का भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है जो होटल आदि में ठहरने वाले यात्रियों को किसी प्रकार की इमरजेंसी होने पर सहायता करेंगे। उन्होंने बताया कि गत वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष चिकित्सकों की संख्या में बढ़ोत्तरी करते हुए कुल 184 चिकित्सक यात्रा मार्ग पर अपनी सेवाएं देंगे। इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार ने बताया कि यातायात एवं भीड़ प्रबंधन हेतु प्रदेश में 09 सुपर जोन, 37 जोन व 112 सैक्टर बनाए गए हैं। उन्होंने बताया कि यात्रा की निगरानी सीसीटीवी व ड्रोन के माध्यम से की जाएगी। उन्होंने बताया कि यात्रियों को ऑनलाइन धोखाधड़ी व गलत जानकारी प्राप्त करने से बचाने के लिए साइबर सेल और सोशल मीडिया सेल का निर्माण किया गया है। इस अवसर पर वर्चुअल माध्यम से जुड़े गढ़वाल मंडल के जिलाधिकारियों ने अवगत कराया कि यात्रा मार्गों पर हाईटेक शौचालयों का विस्तार किया गया है, साथ ही मुख्य स्थानों पर सौंदर्यीकरण एवं हाईमास्ट लाइट व स्ट्रीट लाईटों का विस्तार किया गया है। बैठक में अपर निदेशक शहरी विकास ललित नारायण मिश्रा ने बताया कि प्रशासन द्वारा सिंगल यूज प्लास्टिक के निस्तारण के लिए क्यूआर कोड व्यवस्था लागू की गई है, जिसके माध्यम से कम से कम 80 प्रतिशत प्लास्टिक की बोतलें और अन्य कूड़े को निष्पादन के लिए एकत्रित करने का लक्ष्य रखा गया है। बैठक में प्रमुख सचिव एल फैनाई, सचिव श्री राज्यपाल रविनाथ रामन, सचिव रंजीत कुमार सिन्हा, सचिव आर मिनाक्षी सुन्दरम, सचिव दिलीप जावलकर, सचिव पंकज कुमार पाण्डेय, सचिव विनोद कुमार सुमन, आयुक्त गढ़वाल विनय शंकर पाण्डेय, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर एपी अंशुमन, आईजी गढ़वाल के.एस.नागन्याल, अपर सचिव श्री राज्यपाल स्वाति एस भदौरिया, अपर सचिव आशीष श्रीवास्तव सहित विभिन्न विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

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