उत्तराखंड

वनों को आग से बचने के लिए जन सहभागिता जरूरी

पिथौरागढ़। गुंरुग देश के वन पंचायत गुरुडा में आयोजित एक दिवसीय गोष्ठी में वनों को आग से बचाए जाने का संकल्प लिया गया। आव्हान किया गया कि बिना जन सहभागिता के जंगलों को आग से नहीं बचाया जा सकता है। अपनी भावी पीढ़ी के लिए जंगलों को सुरक्षित रखने का आह्वान भी किया गया।
पिथौरागढ़ वन विभाग के सहयोग से वन पंचायत गुरुडा में आयोजित एक दिवसीय संगोष्ठी की अध्यक्षता गुरुडा वन पंचायत के सरपंच मोहन चंद्र पांडे ने किया।
उन्होंने कहा कि फायर सीजन में वन पंचायत को आग बुझाने के लिए कुछ श्रमिको को रखने के लिए बजट दिया जाना चाहिए।
वन क्षेत्राधिकारी पूरन सिंह देऊपा ने कहा कि जंगलों को बचाने के लिए आम आदमी को आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि बिना जन सहयोग के किसी भी प्रकार के बजट से जंगलों को नहीं बचाया जा सकता है।
गोष्ठी का आयोजन वन विभाग की सहयोगी संस्था सोसायटी फॉर एक्सन इन हिमालया द्वारा किया गया।
संस्था की मास्टर ट्रेनर रेखा रानी ने कहा कि एक बार जंगल में आग लगने से वनस्पति के साथ-साथ वन्य जीवों की एक बड़ी संख्या नष्ट हो जाती है। उन्होंने कहा कि इससे जैव विविधता को भारी नुकसान होता है। उन्होंने महिलाओं का आवाह्न किया कि वह जंगलों को बचाने के लिए घर-घर से जन सहयोग लेने के लिए अपने गांव में जन अभियान को संचालित करें।
इस अवसर पर वन दरोगा तेज सिंह, भुरमुनी के ग्राम प्रधान गंगा सिंह, गुरुडा के ग्राम प्रधान हरीश पांडे, छाना के ग्राम प्रधान प्रकाश पांडे, जगदीश राम, छतर सिंह आदि उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का संचालन संस्था के मास्टर ट्रेनर अनुकूल सन्याल ने किया।

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