उत्तराखंड

एफआरआई में एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन

देहरादून, 24 मार्च। भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद के अंतर्गत वन अनुसंधान संस्थान, देहरादून के वन पारिस्थितिकी एवं जलवायु परिवर्तन प्रभाग ने बोर्ड रूम एफआरआई देहरादून में “जलवायु परिवर्तन चुनौतियों के बीच वन स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए पर्यावरण निगरानी में हाल के रुझान” विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया। उद्घाटन सत्र की शुरुआत डॉ. पारुल भट्ट कोटियाल, वैज्ञानिक-एफ और प्रमुख, FE&CC प्रभाग, एफआरआई के गर्मजोशी भरे स्वागत भाषण से हुई, जिसके बाद मुख्य अतिथि के रूप में एफआरआई की निदेशक,आईएफएस, डॉ. रेणु सिंह ने उद्घाटन भाषण दिया। डॉ. सिंह ने वन पारिस्थितिकी तंत्र के लिए जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न बढ़ते खतरों पर जोर दिया और वन स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए मजबूत निगरानी तंत्र की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया। सत्र का समापन डॉ. अभिषेक के. वर्मा, वैज्ञानिक-सी,देहरादून के वन पारिस्थितिकी एवं जलवायु परिवर्तन प्रभाग के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। संगोष्ठी में वैज्ञानिकों, शोध विद्वानों और परियोजना अध्येताओं सहित 70 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम में डॉ. पी.के. जोशी, प्रोफेसर, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू), नई दिल्ली, डॉ. सुरेन्द्र सिंह सुथार, डीन विभागाध्यक्ष, स्कूल ऑफ एनवायरनमेंट एंड नेचुरल रिसोर्सेज, दून विश्वविद्यालय, डॉ. राजेश सिंह, वैज्ञानिक ई, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाइड्रोलॉजी, रुड़की, और डॉ. बिष्णु प्रसाद साहू, वैज्ञानिक बी, एफआरआई जैसे प्रख्यात विशेषज्ञों के ज्ञानवर्धक तकनीकी सत्र शामिल थे, जिसमें जलवायु परिवर्तन की कमज़ोरियों से लेकर माइक्रोप्लास्टिक जमाव और उन्नत निगरानी उपकरणों तक के विषयों को शामिल किया गया। एक पोस्टर प्रस्तुति सत्र में युवा शोधकर्ताओं के वैज्ञानिक योगदान को प्रदर्शित किया गया, जिसमें शीर्ष तीन पोस्टरों को उत्कृष्टता पुरस्कार मिले।

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