देहरादून

नंदानगर आपदा अपडेट : राहत एवं बचाव कार्यों में जुटी टीमें

चमोली। कुंतरी एवं धूर्मा गाँव आपदा प्रभावित क्षेत्र में मलबे में दबे व्यक्तियों को निकालने हेतु दूसरे दिन रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है। पुलिस, प्रशासन, एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ की टीमें लगातार राहत एवं बचाव कार्यों में जुटी हुई हैं। कुन्तरी गाँव में मलवे में दबे पाँचों लापता व्यक्तियों के शव बरामद कर लिए गए हैं। बरामद मृतकों में 03 महिलाएँ एवं 02 बच्चे शामिल हैं।
नन्दानगर में रेस्क्यू ऑपरेशन आज भी जारी रहा। जवान लगातार मलबे को काटते–तोड़ते राहत कार्य में जुटे हैं। इसी बीच एक महिला का शव बरामद हुआ है। रेस्क्यू टीम का कहना हैं की उम्मीद की डोर अभी टूटी नहीं है, हर ज़िन्दगी को बचाने की जद्दोजहद जारी है। मलबे की हर ईंट के पीछे एक जिंदगी की उम्मीद छिपी है। कठिन परिस्थितियों के बावजूद जवान हथौड़े और औज़ारों से छत तोड़कर भीतर दबे लोगों तक पहुँचने की कोशिश कर रहे हैं। हर सेकंड कीमती है और जवान दिन-रात उम्मीदों को ज़िंदा रखने की जद्दोजहद में जुटे हैं।
जिलाधिकारी संदीप तिवारी और पुलिस अधीक्षक सर्वेश पंवार आपदा प्रभावित क्षेत्र का लगातार निरीक्षण कर रहें हैं, इस क्रम में जिलाधिकारी ने बताया कि सेरा -धुर्मा सड़क जो आपदा से पूरी तरह वास आउट हो गयी थी, उसे सुचारु करने का कार्य किया जा रहा हैं। उन्होंने बताया कि राहत सामग्री रासन किट पंहुचाने और पैदल मार्ग से लोगों के आवागमन को बहाल करने का प्रयास किया जा रहा हैं। आशा हैं मार्ग शीघ्र सुचारु कर लिया जाएगा।
जिलाधिकारी संदीप तिवारी और पुलिस अधीक्षक सर्वेश पंवार ने राहत शिविरों का किया निरीक्षण इस दौरान वे मरिया आश्रम पंहुचकर वंहा रह रहें लोगों का हाल जाना साथ ही राहत शिविर में रह रहें लोगों से खाने, रहने की व्यवस्था की जानकारी ली।
जिला प्रशासन द्वारा राहत एवं बचाव कर लगातार जारी है इस क्रम में आपदा प्रभावित धुर्मा गांव में 200 फूड पैकेट और 23 राशन किट हेली से एसडीआरएफ की टीम द्वारा भेजी गई। प्रशासन द्वारा हेलीकॉप्टर से 11 घायलों एवं बीमार लोगों को देहरादून हायर सेंटर भेजा गया।
नंदानगर आपदा के पश्चात जहाँ चारों ओर विपरीत परिस्थितियाँ बनी हुई हैं, वहीं जिलाधिकारी श्री संदीप तिवारी एवं पुलिस अधीक्षक श्री सर्वेश पंवार लगातार ग्राउंड ज़ीरो पर मौजूद रहकर राहत कार्यों की निगरानी कर रहे हैं। सुबह से ही दोनों अधिकारी दुर्गम पैदल मार्गों और कठिन परिस्थितियों से गुजरते हुए प्रभावित गाँवों तक पहुँचे। वहाँ उन्होंने स्वयं ग्रामीणों से बातचीत कर उनकी समस्याएँ सुनीं और राहत कार्यों को और गति प्रदान की। प्रशासन, पुलिस, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ एवं स्थानीय टीमों के संयुक्त प्रयासों से रेस्क्यू अभियान लगातार जारी है। जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में अवरुद्ध मार्गों को खोलने का कार्य तेज़ी से किया जा रहा है, ताकि मदद समय पर हर जरूरतमंद तक पहुँच सके। मरिया आश्रम पहुँचकर अधिकारियों ने राहत शिविरों का निरीक्षण किया और वहाँ रह रहे प्रभावित लोगों का हालचाल जाना। उन्होंने खाने–रहने की व्यवस्था की जानकारी ली और ज़रूरत पड़ने पर तुरंत सुधार करने के निर्देश दिए। ग्रामीणों ने भी अधिकारियों की इस निरंतर मौजूदगी और संवेदनशील नेतृत्व की सराहना की। लोगों का कहना है कि प्रशासन और पुलिस का यह साथ सिर्फ राहत ही नहीं, बल्कि उनका हौसला भी मज़बूत कर रहा है।

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