उत्तरकाशीउत्तराखंड

सीमांत क्षेत्र में कार्यरत पत्रकार लगातार हो रहे उपेक्षा का शिकार

उत्तरकाशी, 26 अप्रैल। बाबा विश्वनाथ की नगरी उत्तरकाशी से नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स उत्तराखंड ने आज मीडिया संवाद–2025 की शुरुआत की। इस आयोजन का उद्देश्य राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों में कार्यरत पत्रकारों को सरकार की कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देना, उनकी समस्याओं, आवश्यकताओं और मांगों को समझना है। मीडिया संवाद 2025 का नेतृत्व यूनियन की प्रदेश अध्यक्ष दया जोशी ने किया। उन्होंने कहा,सीमांत क्षेत्र में कार्यरत पत्रकार लगातार उपेक्षा का शिकार हो रहे हैं। इन पत्रकार भाइयों को न तो सरकारी योजनाओं की जानकारी मिलती है, और न ही उन्हें कोई सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। ये पत्रकार सीमित संसाधनों के साथ कठिन परिस्थितियों में काम कर रहे हैं, लेकिन राज्य सरकार द्वारा इन्हें नजरअंदाज किया जा रहा है। हमारी यूनियन इनकी आवाज बनकर उनके अधिकारों की लड़ाई लड़ेगी। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व यूनियन के संरक्षक त्रिलोक चंद्र भट्ट ने इस अवसर पर राज्य सरकार द्वारा पत्रकारों के लिए संचालित योजनाओं और उनमें हो रही उपेक्षा पर गंभीर चिंता जताई। उन्होंने कहा, राज्य में चयनित पत्रकारों को स्वर्गीय राम प्रसाद बहुगुणा स्मृति पत्रकारिता पुरस्कार दिए जाने का प्रावधान है, जिसमें वयोवृद्ध पत्रकार, प्रौढ़ पत्रकार और युवा पत्रकार को हर वर्ष 30 मई को हिंदी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर सम्मानित किया जाना था। लेकिन पिछले तीन वर्षों में राज्य सरकार ने पत्रकारिता पुरस्कार चयन समिति का गठन करने के बावजूद एक भी बैठक नहीं बुलाई, जिससे पत्रकार अपने अधिकार से वंचित रह गए हैं।”उन्होंने आगे कहा,पत्रकारिता लोकतंत्र का मजबूत स्तंभ है, लेकिन सीमांत क्षेत्रों में कार्य कर रहे पत्रकार आज भी बुनियादी सुविधाओं और सरकारी योजनाओं से वंचित हैं। यह विडंबना है कि जो पत्रकार राज्य और राष्ट्र की आवाज़ बनते हैं, वही अपने अधिकारों के लिए आवाज़ उठाने को विवश हैं। हमारी यूनियन का उद्देश्य है कि वयोवृद्ध पत्रकार, प्रौढ़ पत्रकार और युवा पत्रकार-सभी को समान सम्मान, सुरक्षा और सुविधा मिले। पत्रकारों के हित में बनी नीतियों की सही जानकारी और लाभ उन तक पहुँचे। इसके लिए हम निरंतर सरकार से संवाद करेंगे और संघर्ष भी।” उन्होंने यह भी कहा,सीमांत क्षेत्रों के पत्रकार विषम भौगोलिक परिस्थितियों में कार्य करते हुए सामरिक सुरक्षा, सीमांत विकास, सरकार की योजनाओं और समसामयिक घटनाओं को जनता तक पहुँचाते हैं, लेकिन वे पत्रकार कल्याण योजनाओं से अनभिज्ञ हैं। प्रेस मान्यता समिति, पत्रकार कल्याण कोष, प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विज्ञापन मान्यता, मुख्यमंत्री पत्रकार पेंशन योजना, स्वास्थ्य सुरक्षा योजना जैसी लाभकारी योजनाओं की जानकारी तक उन्हें नहीं दी गई। यूनियन अब इस दिशा में पहल कर पत्रकारों को इन योजनाओं की विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराएगी।” प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य प्रमोद कुमार पाल ने राज्यभर में यूनियन द्वारा किए गए कार्यों और उपलब्धियों को साझा करते हुए पत्रकारों से संगठित होकर कार्य करने का आह्वान किया। इस अवसर पर देश के प्रतिष्ठित समाचार पत्र ‘पायनियर’ के संवाददाता ठाकुर सुरेंद्र पाल सिंह को जिले का मुख्य संयोजक नियुक्त किया गया। उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा उत्तरकाशी जैसे सीमांत जनपद में कार्य करना आसान नहीं होता। यहाँ के पत्रकार विषम भौगोलिक परिस्थितियों, संसाधनों की कमी के बावजूद जनहित में कार्य कर रहे हैं। ऐसे पत्रकारों को संगठित कर उनकी आवाज़ सरकार तक पहुँचाना अब हमारी जिम्मेदारी है। सीमांत चीन बॉर्डर से लगे उत्तरकाशी जनपद में आयोजित मीडिया संवाद में दूरदर्शन एवं आकाशवाणी के संवाददाता दिग्बीर सिंह बिष्ट, चार धाम टाइम्स के संवाददाता विजेंद्र पोखरियाल, दैनिक शाह टाइम्स के संवाददाता चिरंजीवी सेमवाल, दैनिक भास्कर के संवाददाता सी. पी. बहुगुणा, दैनिक उत्तराखंड प्रहरी के संवाददाता मोहन सिंह राणा सहित कई वरिष्ठ पत्रकार उपस्थित रहे। कार्यक्रम में वक्ताओं ने यह भी मांग रखी कि सीमांत जनपदों के पत्रकारों के लिए विशेष पत्रकार सुरक्षा नीति बनाई जाए और उन्हें भी मीडिया मान्यता व अन्य लाभ दिए जाएं, जो राज्य के अन्य जिलों को प्राप्त हैं। कार्यक्रम के अंत में यह निर्णय लिया गया कि उत्तरकाशी में जल्द ही यूनियन का अधिवेशन आयोजित कर नई कार्यकारिणी का गठन किया जाएगा, जो पत्रकारों की समस्याओं को प्रस्ताव के रूप में तैयार कर राज्य सरकार के समक्ष प्रस्तुत करेगी।

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