हाईकोर्ट शिफ्टिंग मामला : सरकार से स्थिति स्पष्ट करने की मांग
देहरादून, 23 मई। हाईकोर्ट शिफ्टिंग को लेकर रामनगर से आयें वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी व सामाजिक कार्यकर्ता प्रभात ध्यानी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं उनकी सरकार से स्थिति स्पष्ट करने की मांग की हैं। नैनीताल उच्च न्यायालय को नैनीताल से अन्यत्र शिफ्टिंग को लेकर उच्च न्यायालय द्वारा कराई जा रहे जनमत संग्रह कराये जाने पर राज्य आंदोलनकारी प्रभात ध्यानी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं सरकार से स्थिति स्पष्ट करने की मांग की है। राज्य आंदोलनकारी प्रभात ध्यानी ने देहरादून में राज्य आंदोलनकारी मंच के अगुआ प्रदीप कुकरेती, आंदोलनकारीयों एवं सामाजिक संगठनों के लोगों से मिलने के बाद कहा कि हाई कोर्ट शिफ्टिंग को लेकर कुमाऊं गढ़वाल को बांटने की साजिश को नाकाम करने के लिए आगे आने का आह्वान किया।
राज आंदोलनकारी प्रभात ध्यानी ने कहा कि उत्तराखंड राज्य निर्माण गठन के पीछे उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए ,पर्वतीय क्षेत्र की अवधारणा को केंद्र में रखते हुए की गई थी जिसके लिए राज्य की स्थाई राजधानी गैरसैंण सहित सचिवालय, उच्च न्यायालय एवं समस्त विभागों के कार्यकालों को गैरसैंण में स्थापित कर राज्य का सर्वांगीण का संकल्प था।
राज्य आंदोलनकारी प्रभात ध्यानी ने कहा कि 42 लोगों की शहादत तथा रामपुर तिराहे में मां बहनों के साथ हुये दुराचार जैसी घटना के बाद अस्तित्व में आया उत्तराखंड राज्य निर्माण के आंदोलन एवं राज्य गठन के बाद से ही भारतीय जनता पार्टी एवं कांग्रेस की सरकारों के साजिश एवं षड्यंत्र का शिकार रहा है। राज्य गठन की घोषणा के साथ ही पहले जन भावनाओं के खिलाफ देहरादून में अस्थाई राजधानी, नैनीताल में उच्च न्यायालय का गठन का फैसला लिया गया। राज्य आंदोलनकारी प्रभात ध्यानी ने कहा कि उत्तराखंड राज्य का गठन नेताओं, नौकरशाहों , जजों, पूंजी पतियों, कॉर्पोरेट की सुविधाओं एवं उनकी अय्याशी के लिए नहीं किया गया । राज्य गठन का उद्देश्य लोगों में सामाजिक सद्भाव समरसता, उत्तराखंड के दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्र के लोगों को विकास की मुख्य धारा में लाने के साथ ही समस्त लोगों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराना का रहा है लेकिन राज्य गठन के बाद सत्तारूढ़ कांग्रेस बीजेपी की सरकारों द्वारा नीतिगत निर्णय लेने में असफल रही है तथा नौकरशाहों तथा जजों के माध्यम से उत्तराखंड की सामाजिक एकता एवं समरसता को खत्म करना चाहती है। हाई कोर्ट शिफ्टिंग को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं उनकी सरकार का हाई कोर्ट शिफ्टिंग को लेकर आज तक वक्तव्य न आने से स्पष्ट है कि इसके पीछे कुमाऊं एवं गढ़वाल के लोगों को आपस में लड़ाने की बहुत बड़ी साजिश है। राज्य आंदोलनकारी प्रभात ध्यानी ने उत्तराखंड की आम जनता से आह्वान किया है कि सरकार एवं नौकरशाहों द्वारा उत्तराखंड की सामाजिक एकता एवं समरसता को खत्म करने की साजिश के खिलाफ एकजुट हो। प्रभात ध्यानी ने कहा कि इस संबंध में शीघ्र ही राज्य निर्माण आंदोलन की शक्तियों एवं संगठनों से बातचीत कर आगे की रणनीति बनाई जाएगी।