उत्तराखंड

स्मार्ट प्रिपेड मीटर लगाए जाने के निर्णय को वापस लेने की मांग

देहरादून 12 सितंबर। कांग्रेस के पूर्व महानगर अध्यक्ष लालचन्द शर्मा के नेतृत्व में महानगर कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य सचिव उत्तराखण्ड राधा रतूडी से मुलाकात कर ज्ञापन प्रेषित किया। जिसमें विद्युत विभाग द्वारा उपभोक्ताओं पर लगाए जा रहे दोहरे-तिहरे करों से राहत देने और स्मार्ट प्रिपेड मीटर लगाए जाने के निर्णय को वापस लेने की मांग की गई। प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि देश में महंगाई अपने चरम पर है, और आम आदमी को दो वक्त की रोटी के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड विद्युत उत्पादक राज्य होने के बावजूद, बिजली की दरें आसमान छू रही हैं, और विभाग द्वारा बिजली के बिलों में कई प्रकार के कर लगाकर आम जनता का शोषण किया जा रहा है। पूर्व विधायक श्री राजकुमार ने मांग कर कहा की कि जल विद्युत परियोजनाओं से राज्यवासियों को लाभ के रूप में घरेलू उपभोग के लिए मात्र 1 रुपये 50 पैसे प्रति यूनिट पर बिजली दी जानी चाहिए, और राज्य के किसानों को खेती के लिए मुफ्त बिजली दी जानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि स्मार्ट प्रिपेड मीटर लगाए जाने की योजना पर काम चालू किया गया है, लेकिन यह उपभोक्ताओं पर अनावश्यक वित्तीय बोझ है। उन्होंने कहा कि पूर्व में लगाए गए डिजिटल मीटर में भी अनेक प्रकार की गड़बड़ियों की शिकायत मिली थी। लाल चंद शर्मा ने मुख्य सचिव से विद्युत विभाग द्वारा उपभोक्ताओं पर लगाए जा रहे दोहरे-तिहरे करों से राहत देने और स्मार्ट प्रिपेड मीटर लगाए जाने के निर्णय को वापस लेने की मांग की। उन्होंने कहा कि विद्युत विभाग द्वारा उपभोक्ताओं से पहले ही मीटर चार्ज के रूप में कई वर्षों तक प्रत्येक माह किराया वसूला जाता है, जबकि विद्युत मीटर की कीमत मात्र कुछ ही समय में पूरी हो जाती है। साथ ही विद्युत कनेक्शन लेते समय भी जमानत के रूप में मोटी रकम वसूली जाती है, यही नहीं विभाग द्वारा प्रत्येक माह आने वाले बिलों में भी अतिरिक्त वसूली की जा रही है, जो कि न्याय संगत प्रतीत नहीं होता है। इस दौरान कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता श्री दीप वोहरा, प्रवीण त्यागी, पूर्व नेता प्रतिपक्ष नगर निगम श्री नीनू सहगल, पूर्व पार्षद आनन्द त्यागी मौजूद रहे.

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