उत्तराखंड

केदारनाथ के पवित्र स्थल पर थार को उतारे जाने पर गहरी चिन्ता प्रकट

देहरादून। उत्तराखण्ड प्रदेश कमेटी के अध्यक्ष करन माहरा ने चिनकू हेलीकॉप्टर से केदारनाथ के पवित्र स्थल पर थार को उतारे जाने पर गहरी चिन्ता प्रकट करते हुए राज्य सरकार पर केदारनाथ की पवित्रता को भंग करने का अरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि एक तरफ सरकार के मुख्य सचिव मंदिर केमटी को पत्र लिखकर वीआईपी कल्चर को सामाप्त करने का फरमान कर रही हैं और दूसरी तरफ सरकार केदारनाथ के पवित्र स्थल में थार भेजकर वीआईपी कल्चर स्थापित करने का काम कर रही है। उन्होंनें कहा कि सरकार का यह दोहरा चरित्र देश और राज्य के सामने उजागर हो गया है। इसके साथ ही केदारनाथ धाम में डाण्ंडी-कण्डी एवं डोली का काम करने वाले स्थानीय गरीब लोगों की रोजी-रोटी छीनने का काम कर रही है। करन माहरा ने कहा कि सरकार द्वारा पंण्डा पुराहितों के हक-हकूक भी छीनने का काम किया है। वर्तमान पण्डा पुरोहितों के आवासीय क्षेत्र में तोड़ फोड करके उनके हितों में कुठाराघात करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि यह सरकार गरीब जनता की रोजी-रोटी छीनने का काम कर रही है। जिसे कांग्रेस बर्दाश्त नही करेगी। उन्होंने कहा सरकार चारधाम यात्रा को संचालित करने में असफल सावित हुई है और दूसरी तरफ केदारनाथ जैसे पवित्र स्थान पर इस तरह से चिनकू हेलीकॉप्टर द्वारा थार उतारकर देश व राज्य की जनता को क्या संदेश देना चाहती है? करन माहरा ने कहा सरकार 2013 की आपदा से भी सबक नही ले रही है जो चिन्ता का विषय है। उन्होंने कहा कि ऋषिकेश से लेकर केदारनाथ और बद्रीनाथ तक लगातार चातायात अव्यस्थायें किसी से छुपी नही हैं और पर्यटक लगातार हताश और लाचार हैं पर उनकी सुध लेने वाला कोई नही है। चारधाम यात्रा के प्रति राज्य सरकार की लापरवाही एवं अव्यवस्था के चलते तीर्थ यात्रा करने आये श्रद्धालुओं को भारी असुविधा का सामना करना पड रहा है। उन्होंने कहा कि यात्रा मार्गों पर बुनियादी सुविधाओं का नितांत अभाव बना हुआ है। उन्होंने कहा कि यात्रा मार्ग में न तो मेडिकल सुविधा है, न पेयजल सुविधा और न ही रात्रि विश्राम की कोई सुविधा उपलब्ध है। मेडिकल सुविधा के अभाव के चलते कई यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड रहा है असुविधाओं के चलते चारधाम यात्रा मंे अभीतक लगभग 10 लोगांे की जान चली गई है।

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