खतरनाक चक्रवाती तूफान रेमल ने उत्तराखंड का पारा चढ़ा दिया
देहरादून। प्रदेश के मैदानी इलाकों से लेकर पर्वतीय क्षेत्रों में गर्मी की बढ़ती तपिश का मुख्य कारण बारिश कम होना भी है। मई के पूरे महीने में बारिश के आंकड़ों पर नजर डालें तो यहां 21 फीसदी तक मेघ कम बरसे हैं। हरिद्वार जिले में तो एक बूंद भी बारिश नहीं हुई। दूसरे नंबर पर देहरादून जिले में सामान्य से 83 फीसदी कम बारिश हुई। उधर तीसरे स्थान पर सबसे कम बारिश ऊधमसिंह नगर जिले में हुई। यहां 81 फीसदी कम मेघ बरसे। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है बारिश न होने के कारण तापमान में भी इजाफा हो रहा है।
बांग्लादेश में आए खतरनाक चक्रवाती तूफान रेमल ने उत्तराखंड का पारा भी चढ़ा दिया। मौसम वैज्ञानिकों का मानना है बीते कुछ दिनों से 40 के पार पहुंच रहे तापमान का मुख्य कारण चक्रवाती तूफान ही है। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया, बीती 26 मई को पश्चिम बंगाल के कैनिंग और बांग्लादेश के मोंगला में चक्रवाती तूफान आया था, जो बाद में हवाओं के रूप में परिवर्तित हो गया। तापमान बढ़ने के साथ यह हवाएं गर्म हो गईं और इसका सबसे ज्यादा असर राजस्थान और पंजाब में पड़ा। साथ ही उत्तराखंड में भी रेमल की हवाओं का असर देखने को मिला। इसके चलते यहां के तापमान ने बीते 157 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया।