रक्तदाता शिरोमणि अनिल वर्मा राष्ट्रीय “सुदर्शन अग्रवाल मेमोरियल अवार्ड” से सम्मानित
देहरादून। रेडक्रॉस सोसायटी के प्रबंध समिति सदस्य रक्तदाता शिरोमणि अनिल वर्मा को उत्तराखंड में सर्वाधिक रिकॉर्ड 155 बार स्वयं रक्तदान करने, रक्तदान शिविर आयोजित करने तथा आनुवांशिक गंभीर रक्तरोग थैलीसीमिया मुक्त भारत अभियान में अति विशिष्ट योगदान हेतु “राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस समारोह” के अवसर पर “फेडरेशन ऑफ ब्लड डोनर आर्गेनाइजेशनंस ऑफ इण्डिया” एवं “नेशनल थैलीसीमिया वेलफेयर सोसायटी , नई दिल्ली” द्वारा कांस्टीट्यूशन क्लब ऑफ इण्डिया, नई दिल्ली के डिप्टी स्पीकर हाॅल में आयोजित नेशनल वर्कशॉप एवं अवार्ड प्रेजेंटेशन सेरेमनी के दौरान एक बार पुनः चुनकर पूर्व सेक्रेटरी जनरल राज्य सभा व राज्यपाल उत्तराखंड एवं सिक्किम “सुदर्शन अग्रवाल मेमोरियल अवॉर्ड” से राष्ट्रीय स्तर पर अलंकृत किया गया। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय समारोह में भारत के 21 राज्यों के 250 से अधिक रक्तदाताओं, प्रेरकों व प्रतिनिधियों ने प्रतिभाग किया।
यह अवाॅर्ड उन्हें सम्मान समारोह के मुख्य अतिथि श्रीमत स्वामी सर्वलोकानंद जी महाराज सचिव ,रामकृष्ण मिशन नई दिल्ली, नेशनल थैलीसीमिया वेलफेयर सोसायटी नई दिल्ली के महासचिव डॉ० जे एस अरोड़ा, एफबीडीओआई की राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ० संगीता पाठक, डायरेक्टर एवं हैड ब्लड ट्रांसफ्यूजन सर्विसेज मैक्स हॉस्पिटल तथा सेक्रेटरी जनरल अपूर्बा घोष ने प्रशस्ति पत्र, शील्ड , गोल्ड मेडल, प्रमाण पत्र एवं अंगवस्त्र भेंटकर सम्मानित किया।
इसके अतिरिक्त गंभीर रक्त रोग थैलीसीमिया मुक्त भारत बनाने के लिए इसके निवारण एवं जन जागरूकता अभियान में अनिल वर्मा को सक्रिय भूमिका निभाने हेतु “महावीर इंटरनेशनल डोनर्स क्लब, फरीदाबाद के अध्यक्ष राकेश अरोड़ा ने “रोको थैलीसीमिया” फरीदाबाद डोनर्स क्लब का बैज लगाकर विशेष रूप से सम्मानित किया।
नई दिल्ली से अवाॅर्ड लेकर लौटे अनिल वर्मा ने बताया कि दो दिवसीय (01- 02 अक्टूबर) समारोह के अंतर्गत स्वैच्छिक रक्तदान पर राष्ट्रीय कार्यशाला, अवाॅर्ड वितरण समारोह, रक्तदान- जीवनदान कैंडल लाईट मार्च, रक्तदान शिविर का आयोजन श्री बंगला साहिब गुरुद्वारा नई दिल्ली , बाईकर्स जागरूकता रैली ( एनटीडबल्यूएस ऑफिस से श्री गुरुद्वारा बंगला साहिब ) का आयोजन सम्मिलित था।
विदित हो कि सन् 1971 भारत – पाक युद्ध के दौरान अनिल वर्मा ने घायल सैनिकों के लिए एनसीसी कैडेट के रूप में 18 वर्ष 02 महीने की उम्र में पहली बार रक्तदान करने के बाद से ही रेगुलर ब्लड डोनर रहे हैं। उन्हें इससे पूर्व भी अनेक प्राईड ऑफ इण्डिया अवाॅर्ड , भारत रत्न पंडित गोबिंद बल्लभ पंत रक्तदाता शिरोमणि अवाॅर्ड, रक्त रत्न अवार्ड , रक्तदाता
सम्राट अवार्ड, यूथ आईकाॅन, गोल्डन ब्लड डोनर , रियल लाईफ हीरो अवार्ड, रोटरी लाईफ टाईम अचीवमेंट अवॉर्ड, सुपर सेंचुरियन ब्लड डोनर ,रक्त मित्र, रक्तवीर नायक अवार्ड आदि राष्ट्रीय , अंतर्राष्ट्रीय ,राज्य स्तरीय अवार्ड यमिल चुके हैं।
अवार्ड मिलने के उपरांत अनिल वर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि प्रत्येक अविवाहित युवा पुरुष एवं महिला विवाह से पूर्व स्वयं अपनी तथा होने वाले जीवनसाथी की थैलीसीमिया और एचआईवी रक्त जांच करवाकर रिपोर्ट आपस में अवश्य मिला लें, ताकि होने वाली संतान थैलीसीमिया अथवा एड्स रोग के गंभीर अभिशाप से पीड़ित पैदा न हो।