उत्तरकाशी

सेवा भाव को जीवन में अपनाने का आह्वान

हरिद्वार 29 दिसंबर। गायत्री तीर्थ शांतिकुंज में आयोजित तीन दिवसीय युवा जागरण शिविर का आज समापन हो गया। इस शिविर में पुणे (महाराष्ट्र) से आए सौ से अधिक आईटी विशेषज्ञों ने सहभागिता की। प्रतिभागियों को शांतिकुंज के विषय विशेषज्ञों द्वारा वैचारिक, नैतिक एवं व्यावहारिक स्तर पर विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया गया। शिविर के समापन सत्र को संबोधित करते हुए शांतिकुंज व्यवस्थापक श्री योगेन्द्र गिरि ने कहा कि अखिल विश्व गायत्री परिवार के संस्थापक माता भगवती देवी शर्मा जी के जन्मशताब्दी वर्ष में युवाओं की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि युवा वर्ग यदि अपने ज्ञान, कौशल और तकनीकी क्षमता का उपयोग समाज के सकारात्मक परिवर्तन के लिए करे, तो व्यापक स्तर पर युग निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो सकता है। उन्होंने युवाओं से सकारात्मक सोच, अनुशासन और सेवा भाव को जीवन में अपनाने का आह्वान किया। इससे पूर्व आईटी विशेषज्ञों को संबोधित करते हुए श्री अशरण शरण श्रीवास्तव ने कहा कि आज का युवा तकनीकी रूप से सक्षम है, आवश्यकता है कि वह तकनीक को मानवीय मूल्यों से जोड़े। उन्होंने आत्मविकास के साथ-साथ समाज के लिए योगदान देने पर बल दिया। जन्मशताब्दी कार्यालय के समन्वयक श्री श्याम बिहारी दुबे ने लोकसेवियों के लिए दिशाबोध एवं समयदान को युगधर्म बताते हुए इसके महत्व पर प्रकाश डाला। युवा प्रकोष्ठ के समन्वयक श्री के.पी. दुबे ने शांतिकुंज, युगऋषि एवं युग निर्माण योजना की विचारधारा से प्रतिभागियों को अवगत कराया। वहीं डॉ. अभय सक्सेना ने डिजिटल युग में एकाग्रता और आत्म-नियंत्रण विषय पर अपने विचार साझा करते हुए बताया कि संतुलित जीवनशैली ही मानसिक सशक्तता का आधार है। समापन अवसर पर प्रतिभागियों ने शिविर से प्राप्त प्रेरणाओं को अपने व्यक्तिगत एवं व्यावसायिक जीवन में अपनाने तथा समाज हित में सक्रिय भूमिका निभाने का संकल्प लिया।

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